उज्जैन। महाकाल लोक बनने के बाद महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 4 से 5 लाख प्रतिदिन हो जाती है। यात्रियों को कई प्रकार की अनियमितताओं का सामाना करना पडता है। ऐसे में महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं के लिए एक मंत्रालय व महाकाल लोक के आयोग का गठन किया जाए। उक्त मांग म.प्र. युवा शिवसेना गौरक्षा न्यास अध्यक्ष मनीषसिंह चौहान ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के साथ ही महाकाल मंदिर प्रबंधक से की है। महाकाल मंदिर और महाकाल लोक के निर्माण से 1 किलोमीटर के एरिया में भयंकर ट्राफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। चेकिंग के नाम पर यातायात पुलिस वसूली करती है। सभी कागजात पूर्ण होने के बाद भी 5 सौ से 1 हजार रूपए देना पड़ते हैं। कुंभ मेला, श्रावण, नाग पंचमी, शिवरात्रि, नववर्ष, अमावस्या, मुख्य त्योहारों पर महाकालेश्वर मंदिर में कई गुना अधिक यात्री आते हैं। बीमार यात्री को अगर कोई मेडिकल आपात की आवश्यकता हो तो कोई सुविधा नही होती है।

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