उज्जैन। भीमराव आंबेडकर सिर्फ भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष, विचारक, समाज वैज्ञानिक, समानता स्थापक, चिंतक या अर्थशास्त्री ही नहीं हैं बल्कि उन्होंने बहुत छोटी आयु में स्मॉल होल्डिंग इन इंडिया लिखी। इस किताब में उन्होंने किसानों की समस्याओं के बारे में लिखा है। बाबा साहेब की यह किताब बताती हैं कि यदि परिवर्तन नहीं हुआ तो स्थितियां बदल जाएंगी। यह विचार डॉ. बीआर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू के समाज वैज्ञानिक प्रो. सुनील गोयल ने बाबा साहेब के महापरिर्वाण दिवस पर व्यक्त किए। विशिष्ट अतिथि जिला न्यायालय के एसएस नारंग थे। अध्यक्षीय उद्बोधन प्रो. अर्पण भारद्वाज ने की। स्वागत भाषण व पीठ की गतिविधियां पीठ के आचार्य प्रो. सत्येंद्र किशोर मिश्र ने बताई। संयोजन व संचालन पीठ की सहायक प्राध्यापक डॉ. निवेदिता वर्मा ने किया। आभार प्रो. राजेश टेलर ने माना। इस अवसर पर डॉ. पुष्पेंद्र घोष, डॉ. प्रभुदयाल, डॉ. शोभा मालवीय, डॉ. रंजना जनबंधु, डॉ. प्रगति निगम, डॉ. कविता यदुवंशी, डॉ. पंकज डुगे, डॉ. अनिरुद्ध यादव विशेष रूप से उपस्थित थे। अंकुर टिटवानिया, चंदा बाई का विशेष सहयोग रहा।

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