साहित्यकार साहित्य रूपी अनमोल रत्न समाज को देता है- विधायक
उज्जैन। लेखन के बलबूते पर कई अनसुलझे रहस्यों को सामने लाने का प्रयास रमेश दीक्षित दीक्षित ने अपनी पुस्तक उज्जयिनी रहस्यम् में किया है। इस तरह के प्रयास हमेशा होते रहना चाहिए। साहित्यकार साहित्य के रूप में अनमोल रत्न समाज को देता है। यह बात मुख्य अतिथि विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने लेखक रमेश दीक्षित की पुस्तक उज्जयिनी रहस्यम् के विमोचन पर कही। सारस्वत अतिथि डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि उज्जैन के बारे में निरंतर लिखा जाता है। कालिदास के बाद बाणभट्ट ने उज्जैन का वर्णन किया। आज दीक्षितजी तक परंपरा चली है। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए केदार नारायण जोशी ने कहा कि सभा वह होती है जहां एक साथ सभी लोग सुशोभित होते हैं। रमेश दीक्षित ने 88 वर्षों तक तपस्या की है। रमेश दीक्षित ने कहा कि उज्जैन की माटी से मुझे गहरा लगाव है। संचालन पिलकेंद्र अरोरा ने किया। आभार राकेश दीक्षित ने माना।