ज्ञान-विज्ञान की सार्थकता इसे बांटने व शेयरिंग में-रामानुजाचार्य चिन्न जीयर स्वामी
उज्जैन। विद्या, ज्ञान-विज्ञान की सार्थकता इसे बांटने व शेयरिंग में है। यह बात रामानुजाचार्य चिन्न जीयर स्वामी ने प्रवचन में छात्रों से कही। स्वामीजी ने भारतीय ज्ञान परंपरा के स्वर्णिम इतिहास पर प्रकाश डाला। लोकमान्य टिलक विद्यालय में रामानुज संप्रदाय के रामानुजाचार्य त्रिदंडी चिन्न जीयर स्वामी आए। स्वामीजी ने छात्रों से अनेक प्रकार के प्रसंगों के माध्यम से सार्थक जीवन के सूत्र सिद्धांत प्रस्तुत किए। स्वामीजी के साथ रामानुज कोट के युवराज स्वामी माधव प्रपन्नाचार्य एवं रामानुज परंपरा के विप्र, संत एवं परिकर भी थे। लोकमान्य टिलक शिक्षण समिति की ओर से अध्यक्ष किशोर खंडेलवाल, सचिव विश्वनाथ सोमण, मुख्य कार्यपालन अधिकारी गिरीश भालेराव ने स्वामीजी का स्वागत व सम्मान किया। स्वामीजी ने आर्शीवाद एवं फल प्रसादी दी।

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