उज्जैन। एमपीसीजी न्यूरोकॉन सॉनकॉन आज शुरु हुई। सम्मेलन में विभिन्न न्यूरोसाइंटिस्ट्स ने ब्रेन स्ट्रोक (लकवा), रीढ़ की स्लिप डिस्क और रीढ़ की हड्डी की टीबी (स्पाइनल ट्यूबरकुलोसिस) के रोकथाम, चिकित्सा प्रबंधन और सर्जिकल उपचार की नई तकनीकों पर विचार साझा किए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली जुड़े। विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महामंडलेश्वर शैलेषानंद अतिथि के रूप में मौजूद रहे। डॉ. जेएस कठपाल, डॉ. वीजी डाकवाले, डॉ. रूपेश खत्री ने बताया कि सम्मेलन में डॉ. प्रवर पासी, डॉ. एसएन मदारिया, डॉ. अवधेश भंडारी, डॉ. प्रो. खटक ने संबोधित किया। सम्मेलन में ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) की रोकथाम के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से परहेज जरुरी। हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का सही प्रबंधन करने से स्ट्रोक का खतरा घटता है। मेडिकल मैनेजमेंट के संबंध में बताया। रीढ़ की स्लिप डिस्क की रोकथाम के लिए बताया। मेडिकल मैनेजमेंट में एंटी-ट्यूबरकुलर थेरेपी से टीबी के बैक्टीरिया को नष्ट करने की बात कही। सम्मेलन में नई तकनीकों के साथ, उपचार की गुणवत्ता बढ़ाने, न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी का उपयोग बढ़ाने और मरीजों की जीवन गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया गया। डॉ. अमित श्रीवास्तव ने ब्रेन स्ट्रोक के 4 घंटे बाद तक प्रभावी नई दवाइयों के बारे में जानकारी दी है। डॉ. आशीष टंडन ने रीढ़ की एंडोस्कोपिक सर्जरी के बारे में जानकारी दी।

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