उज्जैन। कीर समाज ने दीपावली पर श्राद्ध पूजा कर पितरों को स्मरण किया। प्रकाश सिंह कीर ने बताया कि कीर समाज हजारों सालों से दीपावली के दिन पितरों की पूजा करता है। बताया जाता है कि भगवान राम वनवास के दौरान अपने पिता का श्राद्ध नही कर पाए थे तो उन्होंने वनवास से लौटने पर दीपावली के दिन श्राद्ध किया था। उनका अनुशरण कीर समाज करता है।भारत में जहां-जहां पर कीर समाज निवास करता है वहां पर गांव में सभी समाजजन एकत्रित होकर नदी, तालाब कुएं या बावड़ी पर जाकर एवं शहरी क्षेत्र में घर-घर दीपावली पर श्राद्ध कर पितरों को याद करता है।