उज्जैन। अजमीढ़ महाराज की जयंती पर मेढ़ क्षत्रिय मारवाड़ी स्वर्णकार पंचायत न्यास ने महाआरती की। न्यास अध्यक्ष अरविंद वर्मा के नेतृत्व में अजमीढ़ देवजी के जन्मोत्सव एवं शरद महोत्सव में अंबाजी एवं अजमीढ़ देव की पूजा कर सभी ने महा आरती की। आरती के बाद खीर की प्रसादीबांटी गई। इस अवसर पर कृष्ण भवण, आनंदीलाल सोनी, मोहनलाल आर्य, गोपाल जंगलवा, शांतिलाल जंगलवा, आशीष दसानिया, समाजसेवी शशिकांत रोड़ा, राजेश मोसुन, आकाश मायछ, गणेश धुपड आदि सहित समाजजन उपस्थित थे। मैढ़ क्षत्रिय अपनी वंशबेल को विष्णु से जुड़ा हुआ पाते हैं। कहा गया है कि भगवान विष्णु के नाभि-कमल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्माजी से अत्री और अत्री से चंद्र-सोम हुए। चंद्रवंश की 28वीं पीढ़ी में अजमीढ़ पैदा हुए। महाराजा अजमीढ़ का जन्म त्रेतायुग के अंत में हुआ था। उनके दादा महाराजा हस्ति थे। जिन्होंने हस्तिनापुर बसाया था। महाराजा हस्ति के पुत्र महाराजा अजमीढ़ का जन्म हुआ। बुध्ददिषु, ऋव, प्रियमेध व नील नामक पुत्र हुए। उनसे मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज का वंश आगे चला।