उज्जैन। परिश्रम अनुशासन और सेवा से श्रेष्ठतम को अर्जित किया जा सकता है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के कार्यकर्ता के रूप में मैंने सेवा को संकल्प के साथ करने का प्रयास किया है। प्रदेश के प्रमुखों ने मुझे दायित्व सौंपा है। आप सबके सहयोग से मैं सफलता की ओर अग्रसर रहूंगा। यह उद्गार शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सम्मान समारोहमें विक्रम विश्व विद्यालय के कुलगुरु डॉ अर्पण भारद्वाज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय को स्वर्णिम बनाने का प्रयास करूंगा। अध्यक्षता डॉ राकेश दंड ने की। स्वागत वक्तव्य और अतिथि परिचय डॉ नीरज सारवान ने दिया। इस अवसर पर डॉ सत्यनारायण शर्मा, डॉ प्रेमलता चुटेल, डॉ गीता नायक, डॉ प्रशांत पुराणिक ने संबोधित किया।