उज्जैन। सपाक्स क्रांति दिवस वंचित जातियों व उप वर्गों को समर्पित रहेगा। 2018 से हर साल 30 सितंबर को सपाक्स क्रांति दिवस मनाया जाता है। सपाक्स क्रांति दिवस बेरोजगार युवाओं, पीड़ितों, पेंशनरों एवं वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित रहा है। इस वर्ष यह आरक्षण से वंचित जातियों एवं उप वर्गों को समर्पित है। 30 सितंबर को सुबह 10.30 बजे से सीता-राम परिसर में यह मनेगा। मीडिया प्रभारी जेआर माहुरकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की 6 प्लस 1 जजों की पीठ ने आरक्षण के संबंध में निर्णय दिया है। जिसमें उन्होंने पाया है कि आरक्षण का लाभ केवल कुछ व्यक्ति एवं कुछ जातियों तक सीमित हो गया है। एक बार लाभ लेने वाले परिवार बार-बार लाभ ले रहे हैं। कुछ जातियां अधिक लाभ ले रही हैं। कुछ को बहुत कम लाभ मिल रहा है। अत: उन्होंने इसकी समीक्षा करने, आरक्षण में क्रीमी लेयर लगाने एवं जिन जातियों को बहुत कम लाभ मिला है उनके उपवर्ग बनाने पर विचार करने के केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त पदोन्नति में भेदभाव, जाति आधारित योजनाएं, युवाओं एवं महिलाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें खैरात बांटकर चुनाव जीतने के हथकंडे, राजनीतिक दलों का वोट के लिए समाज को जातियों एवं धर्म में बांटना, तेजी से बढ़ता भ्रष्टाचार आदि ऐसे अनेक सामाजिक मुद्दे उठाए है। 30 सितंबर को सपाक्स क्रांति दिवस पर यह संकल्प लें कि हम उक्त मुद्दों मुद्दों पर सुधार की मांग करेंगे। समाज में आपसी सहयोग एवं सद्भाव का वातावरण तैयार करेंगे।

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