उज्जैन। शहर के साथ ही विभिन्न बुद्ध विहारों पर बौद्ध भिक्खु डॉ सुमेध थेरो का जन्म दिन मनाया। डॉ. थेरो का काम उज्जैन के अलावा बुद्धगया, सारनाथ, झांसी, ललितपुर, नागपुर, तामिलनाडु में फैला है। भिक्खु मेधांकर, संपूर्णानंंद थेरो, महानाम आदि सम्मिलित हुए। अध्यक्षता भिक्खु उपाली महाथेरो ने की। डॉ सुमेध थेरो उत्तर प्रदेश के एटा जिले के सरायनीव गांव में जन्मे और पांचवीं तक न 6 सें 12 तक महरारा स्थित कुरूक्षेंत्र सिंह इंटर कालेज से पढाई पूर्ण की। 1978 में बीएससी कृषि, 1980 में एमएससी कृषि पूर्ण की। एमएससी कृषि सस्य विज्ञान की थीसिस पूर्ण करते दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 1980 से 1982 तक तकनीकी सहायक, 1983 में सहायक बीज अधिकारी आगरा, 1983 से 1990 तक भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक, 1990 से 2009 तक वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रधान वैज्ञानिक पद पर भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान में काम किया। दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से 1997 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और प्रधान वैज्ञानिक सस्य विज्ञान के पद से सेवा निवृति के बाद बौद्ध भिक्खु के रूप में मार्च 2009 से श्रीलंका पद्धति को अपनाते हुए चीवर धारण कर धम्म के काम में जुट गऐ। आपने 2 पीएचडी, 7 एमएससी थीसिस का मार्ग दर्शन भी किया। 2004 में म्यामार, 2006 में अमेरिका, 2012, 2017, 2018, 2019 में श्रीलंका, 2017, 2024 में थाइलैंड, 2019 में वियतनाम एवं नैपाल की यात्राएं की। अब तक बौद्ध भिक्खु डॉ सुमेध थेरो की 32 पुस्तकें 16 अंग्रेजी में 16 हिन्दी में प्रकाशित हुई हैं।

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