उज्जैन। आज भारत में विद्यार्थियों एवं युवाओं द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के आंकड़े चिंता जनक है। इसका मुख्य कारण हमारे युवाओं की जड़ों का सनातन संस्कृति से कट जाना है। सनातन संस्कृति ने विश्व की अन्य संस्कृतियों की तुलना के लगातार विदेशी आक्रमणों का सामना करने के बाद भी महाराणा प्रताप ओर छत्रपति शिवाजी जैसे अनेकों वीर सपूत पैदा किए। इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन नई दिल्ली के दिशानिर्देशों के अनुरूप 3 से 13 सितंबर तक इंडक्शन प्रोग्राम किया जा रहा है। स्ट्रेस गुरु के नाम से प्रसिद्ध प्रो. विष्णु नारायण सक्सेना ने तनाव प्रबंधन पर कहा कि आत्महत्याओं के आंकड़े बता रहे है कि जीवन में मंगल की खोज करने की जरूरत है। प्रो. सक्सेना ने कहा कि हमारा सबकंशियस माइंड हमारे विचारों, एटीट्यूड, बिलीव ओर परसेप्शन नियंत्रित करने के साथ साथ ऑटोमैटिक नेगेटिव थॉट प्रॉसेस को भी नियंत्रित करता है। प्रो. सक्सेना ने बताया की हम अपने सबकंशियस माइंड को रिप्रोग्राम करके ऑटोमैटिक नेगेटिव थॉट पैटर्न को नियंत्रित करके तनाव के हानिकारक प्रभाव से अपने स्वस्थ की रक्षा कर सकते है।
अध्यक्षता एवं अतिथि परिचय डॉ. दिलीप शर्मा ने दिया। संचालन प्रो. रेनिशा रावल ने किया। स्मृति चिह्न डॉ. आरके राय एवं डॉ. रमेश मकवाना ने किया।

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