उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उनके पिता के निधन पर निज निवास पर जब आमजन मिलने पहुंचे तो वे पिता के संस्मरण सुनाकर भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि यूविप्रा के चेयरमेन से लेकर विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बनने पर भी उनके पिता ने सरकारी सुविधा से सदैव परहेज रखा। उन्होंने कहा कि जब वे विधायक का चुनाव जीतकर आये और पिताजी के पैर छुए तो उन्होंने कहा- जीत गए अच्छी बात है लेकिन हमेशा स्वाभिमान की जिंदगी जीना। कभी किसी के पैरों में मत गिरना। जब मैं मुख्यमंत्री बना और आशीर्वाद लेने उज्जैन आया तो घर पर चरण स्पर्श करते समय पिताजी ने कहा- अच्छा काम करना, लोगों का भला करना। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिताजी हमेशा आशीर्वाद के साथ एक नई सीख देते थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिताश्री के दैनिक जीवन का एक हिस्सा खेत पर जाना भी था। वे कहते थे कि यह मेरा काम है और मैं ही करूंगा। वे बाजार भी जब-तब सामान लेने निकल जाते थे।