उज्जैन। वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्र पद कृष्ण पक्ष की अष्टमी सुबह 8ः20 पर शुरू होगी। यह अगले दिन 27 अगस्त को समाप्त होगी। मातंगी ज्योतिष केंद्र के ज्योतिर्विद पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार शिव को मानने वाले शैव संप्रदाय के लोग 26 अगस्त को व वैष्णव संप्रदाय के लोग 27 अगस्त को श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाएगें। भाद्र पद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिर्विद पंडित अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, द्वापर युग में इसी दिन भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। उनका जन्म अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को मथुरा में हुआ था। पं. व्यास के अनुसार अष्टमी दो बार आती है, एक बार कृष्ण पक्ष के दौरान और एक बार शुक्ल पक्ष के दौरान अष्टमी आती है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी दुर्गा व्रत रखा जाता हैं।

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