उज्जैन। जयंती पर वीर दुर्गादास राठौड़ की छतरी पर माल्यार्पण किया गया। दुर्गादास राठौड़ का जन्म 13 अगस्त 1638 को मारवाड़ रियासत के सालवा गांव में आसकरणजी के यहां हुआ था। दुर्गादास राठौड़ की वीरता के कारण महाराज जसवंतसिंह नें उन्हें सेना में दायित्व सौंपा था । जुलाई 1708 में दुर्गादास राठौड़ ने कालाडेरा में सैय्यद हुसैन खान बरहा को हराया। दुर्गादास राठौड़ वीर राठौड़ राजपूत योद्धा थे। उन्होंने औरंगजेब को युद्ध में पराजित किया था। 17 वीं सदी में महाराजा जसवंतसिंह के निधन के बाद मारवाड़ में राठौड़ वंश को बनाए रखने का श्रेय दुर्गादास राठौड़ को जाता है । उन्होंने 22 नवंबर 1718 को शिप्रा किनारे अंतिम सांस ली, जहां उनकी छत्री निर्मित है। अभा क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिलसिंह चंदेल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरदयाल सिंह ,शहरअध्यक्ष अभिषेक सिंह बैस एवं मलखानसिंह दीक्षित, लाखनसिंह असावत, राजेंद्रसिंह राठौड़, इंद्रजीतसिंह कुशवाह, कमलसिंह नरूका, विजयसिंह चंदेल, प्रदीपसिंह तोमर, शंकरसिंह चौहान ,किशनसिंह राठौड़, वीरपाल सिंह कुशवाह, आशिषसिंह तोमर आदि ने समाधि पर माल्यार्पण कर पुण्य स्मरण किया।