उज्जैन। मृत्युंजय महाकालेश्वर में श्रावण के दौरान यह संकल्प लिया है यह नगरी के पौराणिक वैभव के अनुसार उसे पारिजात नगरी बनाना अनिवार्य है। महादेव तथा गोपाल की प्रिय पारिजात की नगरी समय की आवश्यकता एवं राष्ट्रीय दायित्व है। पं. रमण त्रिवेदी ने बताया कि इस संकल्प को पूरा करेंगे। इंदौर मार्ग स्थित श्री मृत्युंजय महाकाल महालय में परिचर्चा में कहा गया कि नगर के पौराणिक श्रृंगार के साथ ही गो संवर्धन एवं अतिथि सत्कार के लिए नगर की कीर्ति को निरंतर बनाए रखने का निरंतर अनुष्ठान प्रारंभ किया जाए।