उज्जैन। बड़नगर रोड़ पर बाबा धाम मंदिर में श्रीराम कथा में सोमवार को सीता स्वयंवर हुआ। श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ा। परशुराम-लक्ष्मण संवाद के बाद जनकपुरी में शहनाई बजी। सीता के हाथों में मेहंदी लगी। भक्तों को श्रीराम व माता सीता के विवाह की झांकी के दर्शन हुए। महामंडलेश्वर गुरू मां आनंदमई ने श्रीराम विवाह की कथा में सीता स्वयंवर का प्रसंग सुनाया।उन्होने कहा बेटी की शादी न हो तो माता-पिता को नींद नहीं आती। बेटी सुख से रहे तो माता पिता को चैन की नींद आती है। हमें भी चाहिए बेटी को विदा कर भूल जाना चाहिए, लेकिन कलियुग में हम अपने घर में बैठकर बेटी की गृहस्थी में डिस्टर्ब कर रहे हैं। सबसे बड़ा दान है कन्यादान। एक बार कन्यादान कर दिया उसके बाद बेटी के घर में ज्यादा डिस्टर्ब नहीं करें। जनकपुरी में श्रीराम विवाह के पहले राम के चरण दबा रहे लखनजी की आंखों से अश्रु फूट पड़ते हैं। श्रीराम पूछते हैं तो लखनजी कहते हैं-आपका विवाह हो जाएगा, जो चरणों की सेवा नित्य कर रहा हूं उन चरणों की सेवा भाभी मां को मिल जाएगी।उक्त प्रसंग को सुनाते हुए गुरू मां आनंदमई ने कहा आजकल होड़ सी चल गई है। कावड़ उठाने के कई नियम हैं। यदि हमने कावड़ उठाई और माता-पिता को पीड़ा दी तो कावड़ उठाने का कोई फायदा नहीं। बाबा धाम मंदिर सचिव महंत आदित्य पुरी ने बताया कि कथा के मुख्य यजमान स्वयं हनुमान हैं।

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