उज्जैन। भारत भूमि के प्राण हैं राम। राम नाम ही जीवन का आधार है, बाकी सब बेकार है। परमात्मा का नाम ही परम मूल तत्व है। यह बात श्रीराम कथा दौरान महामंडलेश्वर गुरू मां आनंदमई ने कही। संगीतमय कथा में चौथे दिन महामंडलेश्वर ने कहा जीवन को कुसंगति की ओर नहीं सत्संगति की ओर ले जाएं। गुरू मां आनंदमई ने कहा नारी को चाहिए स्नान ध्यान कर भोजन बनाए। बाबा धाम मंदिर के सचिव महंत आदित्य पुरी ने बताया कि कथा के मुख्य यजमान स्वयं हनुमान हैं। भक्तों को 7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक श्रीराम कथा का रसपान गुरू मां कराएंगी।

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