धर्म और शास्त्र सम्मत कांवड़ को लेकर उत्तम स्वामी से पुजारी महासंघ के प्रश्न

उज्जैन। श्रावण में कावड़ यात्राओं की बाढ़ आ जाती है। क्या ये वास्तविक कावड़ हैं या दिखावे की कांवड़? इन्हें यह भी ज्ञात नहीं है कि कावड़ चढ़ाने की परंपरा कब और कैसे स्थापित हुई? इसका नाम कावड़ क्यों रखा गया? शास्त्र अनुसार कावड़ उठाने ओर रखने के नियम हैं। अभा पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी और सचिव रुपेश मेहता ने उत्तम स्वामी को पत्र भेजकर मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया हैं। आपने  कहा कि धार्मिक परंपराओं के विपरीत निकलने वाली कावड़ पर किसी संत, महामंडलेश्वर या महंत ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। उत्तम स्वामी धर्म-शास्त्र के ज्ञाता है और वह भी कांवड़ यात्रा निकालते हैं। इसलिए हमारा विश्वास है कि वे वास्तविक कावड़ और उसके नियमों के बारे में जानकारी अवश्य देंगे। 

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