उज्जैन। सुख और दुख मन के हैं, जीवन को बहुत आनंद से चलाओ। मैं कहता हूं जब तक तुम्हारी सास ठीक चले, ईश्वर की अति कृपा मान लो। जब तक सांस है तब तक आस है। काम ऐसे करो कि राम तक पहुंचने में देरी ना हो। जीवन को बहुत आनंद से चलाओ, 84 लाख योनियों में भटक कर मिला है ये मानव शरीर। यह बात स्वामी प्रेमानंद ने कही। भागवत कथा में स्वामी प्रेमानंद ने कहा कि जो सुख और दुख में एक जैसा हो जाता है, वह सतपुरूष हो जाता है। जीवन सतपुरूष जैसा होना चाहिए। स्वामी प्रेमानंद ने कहा कि सबसे पहली रोटी गाय को, दूसरी कुत्ते को और एक रोटी का पैसा हमेशा दान में लगाना चाहिए। महामंडलेश्वर ने कहा कि तुम प्योर दूध की चाय पियो और भगवान भोलेनाथ को दूध का छींटा भर अर्पित कर दो।श्रावण मास में बाबा धाम मंदिर से प्रतिदिन भोजन वितरण हो रहा है, हर दिन बस द्वारा भोजन श्रध्दालुओं हेतु रवाना होता है, श्रावण में महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रध्दालुओं को भोजन कराके हमें लगता है ये सब भोग भोलेनाथ को लग रहा है।बाबा धाम मंदिर सचिव महंत आदित्य पुरी ने बताया कि 29 जुलाई को भी भागवत का महारास होगा।