उज्जैन। इस्कान अध्यक्ष का कहना है कि पढ़ा लिखा साधु क्यों नहीं हो सकता। यदि हम सत्व गुण में रहते हैं तो हम समस्या युक्त चेतना की बजाए समाधान युक्त चेतना से समस्याओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों को सफलता का मंत्र दिया। प्रभुजी ने बताया कि कैसे उन्होंने प्रवेश परीक्षा में पास न होने से लेकर प्रदेश के उस समय के सर्वोत्तम विश्वविद्यालय एनआईटी भोपाल तक का सफर तय किया। व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने केन्द्रीय विद्यालय की कक्षा 8, 9 और 11 वी के छात्रों को संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में मुकेश मीना ने प्रभुजी का आभार माना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *