उज्जैन। रक्षाबंधन 19 अगस्त सोमवार को भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में दोपहर 1.26 बजे शुभ मुहूर्त में राखी बंधेंगी।
ज्योतिर्विद पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार भद्रा वास स्थान पाताल या फिर स्वर्ग लोक में हो तो वह पृथ्वी पर रहने वाले लोगों के लिए अशुभ नहीं होती है। रक्षाबंधन वाले दिन पंचक भी लग रहा है। 19 अगस्त को सुबह श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र लगने के कारण यह राज पंचक होगा। रक्षाबंधन पर पूरे दिन शोभन योग रहेगा। इस योग में पूजन करने से व्यक्ति का आर्कषण बढ़ता है। सुबह सर्वार्थ सिद्धि एवं रवियोग रहेगा। सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र में इस सर्वार्थ योग के बनने का बहुत महत्व है। नए कार्य की शुरुआत करने के लिए भी यह एक उत्तम समय माना जाता है। सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए रवि योग सर्वश्रेष्ठ मौका है। जिस किसी दिन रवि योग पड़ रहा हो उस दिन जातक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि के पश्चात सर्वप्रथम सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। ज्योतिर्विद पं अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार उत्तर प्रदेश में रक्षा बंधन के अवसर पर बहिन अपना सम्पूर्ण प्यार रक्षा राखी के रूप में अपने भाई की कलाई पर बांध कर उड़ेल देती है। महाराष्ट्र में इसे नारियल पूर्णिमा कहते हैं। तमिलनाडु, केरल, और उड़ीसा के दक्षिण भारतीय ब्राह्मण इस पर्व को अवनि अवित्तम कहते हैं। यज्ञोपवीतधारी ब्राह्मणों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन नदी या समुद्र के तट पर स्नान करने के बाद ऋषियों का तर्पण कर नया यज्ञोपवीत धारण किया जाता है। पुराने पापों को पुराने यज्ञोपवीत की भाँति त्याग देने और स्वच्छ नवीन यज्ञोपवीत की भाँति नया जीवन शुरु करने की प्रतिज्ञा ली जाती है। इस दिन यजुर्वेदीय ब्राह्मण 6 महीनों के लिए वेद का अध्ययन प्रारम्भ करते हैं।

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