उज्जैन। कोई भी काम करें पति, तो पत्नी से पूछे। गृहस्थ रूपी गाड़ी के दो पहिये है पति-पत्नी।इनमें हमेशा सामंजस्य रहना चाहिए। स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कहा भोलेनाथ माता पार्वती से विष पीने की अनुमति मांगते हैं। बड़नगर रोड़ स्थित मोहनपुरा में बाबा धाम मंदिर में स्वामी प्रेमानंद ने भगवान श्रीराम एवं कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। भगवान कृष्ण जन्मोत्सव पर भक्त झूमकर नाचे। कथा में भगवान वामन की झांकी के भी दर्शन हुए। महाराजश्री ने कहा कि कृष्ण की लीलाएं आनंद की लीलाएं है। रामजी की लीलाएं जीवन जीने की लीलाएं हैं। मुख्य यजमान रमेशचंद्र पाटीदार, अशोक पाटीदार, दिनेश पाटीदार, पवन पाटीदार बाड़कुम्मेद वाले ने व्यासपीठ का पूजन किया।
प्रेमानंद महाराज ने कर्ण की कथा में कहा 16 दिनों तक ब्राह्मणों को भोज कराया व दक्षिणा दी, गौ दान किया, वस्त्र दान किया लेकिन तिलक नहीं लगाया। इसलिए श्राध्द पक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराते हैं तिलक नहीं लगाते। श्राध्द में भोजन कराना, दक्षिणा देना लेकिन कभी तिलक नहीं करना। महामंडलेश्वर ने कहा हमारे पास कुछ नहीं है फिर भी हम भगवान को बैठे-बैठे पुष्प, फल, जल अर्पित कर सकते हैं। मंदिर सचिव महंत आदित्य पुरी ने बताया कि कथा 27 जुलाई तक प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक हो रही है।