उज्जैन। बलेड़ी क्षेत्र के आसपास के गांव में किसानों को जानकारी दी। कृषि अधिकारी डॉ. नाजु कहार ने जैविक खेती के बारे में बताया। उन्होने कहा कि आज के समय में रासायनिक से जमीन मे उपजाऊ क्षमता कोई गुना कम होती जा रही है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी मात्रा में कमी होने के कारण फसलों पर अनावश्यक रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण फसलों पर तरह तरह के केमिकल इस्तेमाल करते आ रहे हैं। उनका असर फसलों पर आता है। वहीं इंसान खाते हैं। उनका अंश हमारे शरीर में प्रवेश कर शरीर को नुकसान पहुंचाता है। भूमि कड़क और बंजर होती जा रही है। हरित क्रांति के पहले गेहूं की 2-3 सिंचाई करने पर फसल परिपक्व हो जाती थी। पर अब नहीं होता। गेहूं में 5-6 पानी देना पड़ता है। अधिक मात्रा में रासायनिक खाद देने की मजबूरी बनती जा रही है। रासायनिक खेती छोड़कर जैविक खेती अपनाएं। किसान वर्तमान में जैविक खेती को लेकर अग्रसर हो रहे हैं।