आंसर शीट में हेरफेर कि शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने गठित की थी 3 सदस्यीय समिति

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा की आंसर शीट में कांट-छांठ मामले में लोकायुक्त अब विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई जांच समिति के 3 सदस्यों को पूछताछ के लिए बुला रही है। इसके अलावा उनसे भी पूछताछ की जा रही है जिन छात्रों के आंसर शीट में नंबर बढ़े थे।

विक्रम विश्वविद्यालय की मार्च 2022 में हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा में इंजीनियरिंग संस्थान की आंसर शीट में हेरफेर होने की शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने 3 सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति में पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. दिलीप सोनी, विश्वविद्यालय की शिक्षक डॉ. सोनल सिंह और साइंस कॉलेज के शिक्षक डॉ. आईके मंगल शामिल थे। हालांकि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के दौरान ही समिति से त्यागपत्र दे दिया था। लोकायुक्त ने इस मामले में पहले ही 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच प्रक्रिया के चलते पूर्व में जांच करने वाले तीनों समिति सदस्य को पूछताछ करने व बयान दर्ज करने के लिए 6 जुलाई को बुलाया है। वही इंजीनियरिंग संस्थान के जिन विद्यार्थियों की प्रवेश परीक्षा के दौरान आंसर शीट में कांट-छांट हुई थी, उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। लोकायुक्त के जांचकर्ता अधिकारी दीपक शेजवार ने बताया कि पीएचडी मामले में पूछताछ करने और बयान दर्ज करने के लिए बारी बारी से मामले से जुड़े हुए लोगों को बुलाया जा रहा है।

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